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हमदर्द बनने से दर्द कहीं छुप जाता है

Kirti singh 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद कहते है एक दूसरे का हमदर्द बनने से दर्द कहीं छुप जाता है 86315 0 Hindi :: हिंदी

कहते है एक दूसरे का हमदर्द बनने से दर्द कहीं छुप जाता है मगर अमीरों की चार दीवारों में सिर्फ मैं होने से हम कहीं गुम हो जाता है और दर्द फैल जाता है और मैं की दीवार है इतनी ऊंची हो जाती है कि हमारी चीiखे हमारा कोई हमदर्द नहीं सुन पाता . Kirti singh

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