Rudra 30 Mar 2023 आलेख धार्मिक Google 206116 0 Hindi :: हिंदी
बन्नी माता सात बहनों में सबसे बड़ी बहिन है। माता बन्नी के अनेक नाम है। माता पार्वती को ही बन्नी माता काहा जाता है। माता पार्वती ने शिव जी को वर के रूप में पाने के लिए वन में रेहकर कई वर्षो तक तपस्या कि थी जिसके कारण माता पार्वती को सभी वनों कि स्वामनी माना जाता है। इसी वजह से सभी वनवासी या नगर वासी उन्हें बन्नी माता या वन दुर्गा माता के नाम से पूजते है । वन दुर्गा जो वनों में रहकर साधु संत ऋषि मुनियो की रक्षा करती हैं। माता पार्वती के बन्नी रूप के कई नाम हैं । जो इस प्रकार है। बन्नी परमेश्वरी सती वनदुर्गा बन्दी भद्रकाली बुढ़िया माता या वृद्ध माता, इत्यादि नाम से जाना जाता है। और बन्नी माता के सात बहनों के नाम अलग है। जो हमने सबसे अंत में लिखा है। वन में रेहकर साधु संत कि रक्षा और दुर्गम पीड़ा का नास करने वाली - देवी पार्वती को वनदुर्गा माता कहा जाता है। माता बन्नी ही अपने पूर्व जन्म में दक्ष पुत्री माता सती थी इसी कारण से लोग इनको बन्नी सती भी कहते है। प्रथम देवी मूलप्रकृति माँ पार ब्रह्म परमेश्वरी का अवतार मानकर देवता इनको बन्नी परमेश्वरी भी कहते हैं। वृद्ध यानी बुढ़िया का रूप में लेकर जन समाज लोगो का कल्याण करने वाली।बन्नी माता को लोग वृद्ध माता या बुढ़िया माई भी कहते हैं। बंदी माता जो बन्दी गृह यानी कारागार से बचाने वाली । जिस प्रकार त्रेतायुग में श्री राम और लक्ष्मण को अहिरावण के बन्दी गृह से मुक्त होने का वरदान दिया था । और द्वापर युग में श्री कृष्ण को मणि चोरी के कलंक से राजा सत्राजित के बन्दी गृह से मुक्त होने आशीर्वाद दिया था। इसी वजह से माता माहा काली या माता बन्नी को बन्दी माता कहा जाता है। द्वापर युग में जब पांडवों सहित द्रौपदी को वनवास मिला था तब पांडव और उनकी पत्नी द्रोपदी चलते,चलते हिमाचल चंबा जिले के बन्नी गांव में पहुंच गए थे। और वहा पर बर्फ गिर रहा था जिससे वहा ठंड अधिक पड़ रही थी और उसी ठंड के वजह से पांचों पांडव बीमार हो गए थे । द्रौपदी को चिंता सताने लगी कि अब पांचों पांडव स्वस्थ केसे होंगे । तब द्रोपदी उसी समय बन्नी गांव में आदिशक्ति मां परमेश्वरी की आराधना करने लगी तब उसी हिमाचल चम्बा भरमौर के बन्नी गांव में आदि शक्ति माँ दुर्गा प्रकट हुई थी इसी वजह से उनका नाम बन्नी पर गया और लोग उन्हें बन्नी माता कहने लगे। बन्नी माता बिहार राज्य के कई घरों में कुलदेवी रूप से पूजी जाती है। माता बन्नी परमेश्वरी सात बहनों के नाम इस प्रकार है। 1-पेहली बहिन का नाम - बन्नी ,सती, परमेश्वरी, वनदुर्गा, भद्रकाली बुढ़िया माता 2-दूसरी बहिन का नाम - माँ दुर्गा, जगतारण, मंगला देवी 3-तीसरी बहिन का नाम -माहा काली, चामुण्डा, अंगार मोती 4-चौथी बहिन का नाम -माहा लक्ष्मी, वैष्णवी 5-पांचवी बहिन का नाम -माहा सरस्वती, ब्राह्मणी, गायत्री, सावित्री 6-छठी बहिन का नाम -सितला माता 7-सातवी बहिन का नाम - फूलमती, गहिल भवानी, कुमारी माता सात बहनों का नाम हर क्षेत्र में अलग अलग मिलता है। लेकिन बिहार राज्य में सातों बहिन का नाम इसी प्रकार से मिलता है। 🙏🙏🙏🌺 जय माता दी 🌺🙏🙏🙏