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कर सकता बदनाम भी-नहीं जानता राग

संदीप कुमार सिंह 02 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5085 0 Hindi :: हिंदी

(दोहा छंद)
कर सकता बदनाम भी, नहीं जानता राग।
दूर्जन से दूरी भली, लगा सके वह दाग।।

दूर्जन से दूरी भली,बाधा में दे डाल।
रुक जायेगा  काम भी, बुरा होत तब हाल।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समतीपुर(देवड़ा)बिहार

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