Ritvik Singh 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम #google #yahoo #bing #facebook 74036 0 Hindi :: हिंदी
समझोगे तो बच जाओगे कि तुम बस बदलो की भाषा समझो बारिश से खुद बच जाओगे तूम अपने यार की चुप्पी को समझो रिश्ते बिखरने के डर से बच जाओगे तुम इन वादियों से बात करनी सीखो अकेले पन से बच जाओगे तुम इस बारिश में मिट्टी की खुशबों को समझो देश पे क़ुर्बान हो जाओगे तुम ज़िंदगी के पन्नो को समझो प्यार से खुद मिल जाओगे तुम मेहनत की भाषा समझो क़ामयाबी से खुद मिल जाओगे तुम बस यूँ ही टक्क टकी लगाकर शून्य की ओर देखे जाओ ईश्वर से खुद मिल जाओगे मारते हो जो तुम इन बेज़ुबानो को कभी इनसे प्यार जताओ तो पछतावे से बच जाओगे तुम बस यूँही आपस में एक दूसरे का साथ निभाओ तों बर्बादी से बच जाओगे :- Ritvik Singh