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आना जाना रहना नहीं- गांव बेगाना सख़ी रे

मोती लाल साहु 05 Feb 2024 शायरी अन्य खोज- explore- जीवन- life- अनुभव- experience- ज्ञान- knowledge- मोती- Moti- शायरी- Shayari 6682 0 Hindi :: हिंदी

आना-जाना रहना नहीं सख़ी रे,
गांव बेगाना-ए-बेजार सख़ी रे,

जग झूठा नाता नहीं कोई अपना 
सैंया बसे सांस-ए-सांस सख़ी रे।।
-मोती

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