SHAHWAJ KHAN 05 Jun 2023 शायरी धार्मिक मुतसिर बातों से ,रात, करम, नजर, धर्मिक 10982 0 Hindi :: हिंदी
हुआ हूं जब से मुतासिर तुम्हारी बातों से में सोया ही नही हूं कई रातों से उठे नजर जो तुम्हारी तो काम हो जाए हुआ है ऐसा करम चंद मुलाकातों से
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