रातें कटती नहीं,
चुभने लगी है
बिस्तर की सिलवटें,
दिन भी नहीं गुजरता ,
अब चैन से,
जाने लगी है यह कैसी प्यास ?
पहले तो मुझे ,
ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था
जब से किया है ऐ मेरे मन ,
तुम्हारे प्रति प्रेम का अहसास………!
रातें कटती नहीं,
चुभने लगी है
बिस्तर की सिलवटें,
दिन भी नहीं गुजरता ,
अब चैन से,
जाने लगी है यह कैसी प्यास ?
पहले तो मुझे ,
ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था
जब से किया है ऐ मेरे मन ,
तुम्हारे प्रति प्रेम का अहसास………!
बेहतरीन वेरी नाइस