मोती लाल साहु 19 May 2023 कविताएँ समाजिक ये इश्क़ हरेक ज़ेहन की चाह होती है,ये इश्क आदि-अनादि से- हरेक ज़ेहन की चाह होती है और बेहिसाब होती। 5705 0 Hindi :: हिंदी
ये इश्क़- आदि-अनादि से हरेक- ज़ेहन की चाह, होती है और बेहिसाब होती है -मोती
Login to post a comment!
...