Sudha Chaudhary 08 Aug 2023 कविताएँ अन्य 8046 0 Hindi :: हिंदी
तुम गम ए हयात लेकर आओ मैं पुरवा चांद बन जाऊं। तुम सघन दीपक जलाओ मैं बरसा आज बन जाऊं। सुधा चौधरी बस्ती
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