akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम राष्ट्रधर्म 12797 0 Hindi :: हिंदी
संविधान की रक्षा हेतु ,हमें सजग हो जाना है | देश की नई युवा पीढ़ी को, एकजुट हो जाना है || जाति धर्म के भेदभाव को ,जड़ से हमें मिटाना है | राष्ट्रप्रेम ही राष्ट्रधर्म है ,सबको ये समझाना है || देशद्रोही नेताओं को अब ,हमको सबक सिखाना है | जो सत्ता की कुर्सी पाने,जनता को बहकाते है || देश की भोली जनता में ,नफरत का जहर फैलाते है | सत्ता इनको मिल न पाये , ऐसी अलख जगाना है || गुणगान दुश्मन का गाते ,अन्न यहाँ का खाते हैं | भारत में परिवार पल रहा, भजन वहाँ के गाते हैं || भाई चारा का पाठ पढाकर,इनको ये समझाना है | शांति से रहकर भारत में ,वंदे मातरम गाना है ||| राजनीति के विवादों के ,अब मतभेद भुलाना है | देश विरोधी विचारों को ,जड़ से हमें मिटाना है || संविधान की रक्षा का अब ,घर घर दीप जलाना है | स्वर्णिम भारत की छवि का ,झंडा अब फहराना है || शांति प्रेम और देशभक्ति का ,गीत हमें अब गाना है | पूरे विश्व में तिरंगे की ,शान को हमें बढ़ाना है || रचियता --अखिलेश श्रीवास्तव
I am Advocate at jabalpur Madhaya Pradesh. I am interested in sahity and culture and also writing k...