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कुछ सिकवे है मुझे तुमसे कुछ सिकायते है तेरी

Pravin Chaubey 30 Apr 2023 शायरी प्यार-महोब्बत #कविता #काव्य #पोएम #सायरी #मोटीवेशन #दर्द सायरी #रील #वायरल 7786 0 Hindi :: हिंदी

कुछ सिकवे है मुझे तुमसे कुछ सिकायते है तेरी 
मै चाहता रहा हर घड़ी तुमको और तुम्हे मेरी भनक भी न लगी
जब तुम अपने घर गलियों से निकलते थे हम हर घड़ी तुम्हारे पीछे पीछे चुपके चुपके चला करते थे 
कोई और तुम्हे तंग ना करे इस लिए पीछा तुम्हारा करते थे
तुम्हे खबर ही नहीं हम तुम्हे इस कदर प्यार करते थे
 
घर के बाहर मै लगा के कुर्सी तेरा हर घड़ी इंतजार करता था
की तुम आ वो गी किसी बहाने से अपने घर के बाहर 
बस इसी सोच में दिल बेकरार रहता था 
जब नजरे देखती थी तुम को मन ही मन में तुम पर प्यार आता था
तुम्हारे चेहरे की हंसी तुम्हारी मासूमियत को देख के मेरे दिल को करार आता था 

तुम्हारे साथ बिताया हुआ अब हर वो पल याद आ रहा है 
माना की किस्मत में नही थे तुम प्रवीण के  फिर भी हर वक्त तुम्हारा ही ख्याल आ रहा है                    
                 -  प्रवीण चौबे

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