Swami Ganganiya 30 Mar 2023 शायरी अन्य Hindi shayri 80375 0 Hindi :: हिंदी
यहां ज्यादा की जरूरत नहीं थोड़े में गुजारा होता है। जहां ज्यादा मिले वहां सब बिखरा हुआ होता है। ** *** ** *** ** *** कौन बटोरेगा वो बिखरा हुआ है जो यहां खुद ही का ना समभले न जाने दूसरों का क्या हो ** *** ** *** ** *** तु आज की सोच न जाने कल क्या हो। हम जीते रहे कल में आज चाहे जा हो। ** ** ** swami ganganiya