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अब तो रण होगा ही-धड़ सर से सर धड़ से अलग होगा ही

Pawan nagar 03 Jul 2023 कविताएँ समाजिक 4918 0 Hindi :: हिंदी

कविता
      (अब तो रण होगा ही)
अब तो रण होगा  ही। 
धड़ सर से सर धड़ से अलग होगा ही।
अब तो क्षण क्षण हर क्षण रण होगा ही।
अब तो विश्व पटल पर मेरा इतिहास अमर होगा ही।
अब तो वो भी समझ लें राडपुत्र जिसको
जना पंडित पोगां ही।
 तब तो इक्किस बार विनाश  मेरे भारतवर्ष पर हुआ होगा ही।
अब तो जाओ यूरेशिया का रूख करो पुत्र पोगां जी।
       लेखक व शायर
(स्वर्गीय/शहीद )
पवन नागर बौध्द
9455172179

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