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सांझ

Anshika Agrawal 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य Hindi Kavita, हिंदी कविता , कविता , कविता संग्रह ,कविता कोश , कविताएं , स्वरचित कविता 17422 0 Hindi :: हिंदी

जिंदगी कड़ी धूप तो छांव है ये सांझ।
आकर चुपके से कानों में कुछ फुसफुसाती है ये सांझ।
अपनों को साथ बैठाती है
तो चाय संग पकौड़े भी खिलाती है ये सांझ।
कभी बारिश में भींग जाती है
तो कभी हवा का झोंका बन जाती है ये सांझ।
कभी बादलों में छिप जाती है
तो कभी पंछी बन उड़ जाती है ये सांझ।
कभी हंसती गुनगुनाती है
तो कभी दर्द में मरहम लगाती है ये सांझ।
                       
                         - अंशिका अग्रवाल

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