मोती लाल साहु 02 Nov 2023 शायरी समाजिक विरह वेदना 8861 0 Hindi :: हिंदी
इन बहारों में- फिरता विरह में, है गाता एक दीवाना पुकारे- वादियों में फिजाओं, में प्रेयसी एक दीवाना ये हवाओं- से पूछता बता दे पता, तू देखा कहां मेरी हंसिनी इन बहारों- में फिरता विरह में, है गाता एक दीवाना....!!!! -मोती