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नवरात्रि महोत्सव-एक सुगंधित वातावरण

संदीप कुमार सिंह 23 Oct 2023 आलेख धार्मिक मेरा यह आलेख समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 7921 0 Hindi :: हिंदी

आज माता का नवम रूप की पूजा अर्चना है। माता सिद्धिदात्री के कृपा से हम सभी भक्त जनों की अभिलाषा पूर्ण हों। सभी मनोरथ सिद्ध हों।
असत्य पर सत्य के विजय स्वरूप हमसब नवरात्रि महापर्व को मानते हुए आ रहें हैं।

दानवों के अत्याचार से जब सारे जीव त्राहिमाम करने लगे थे, ऐसे में माता को कई रूप लेकर धरती पर अवतरित होना पड़ा था। और भयंकर युद्ध के पश्चात इन दानवों का संहार हुआ था। तब जाके हम जीवों को चैनों_सकून की ये जिंदगी चल रही है।

आज भी हर वर्ष हिन्दी महीना की आश्विन माह में पर्व नवरात्रि आती है।माता की प्रथम पूजा से उनके नौ रूपों का आगमन नवमी तक होता है। शक्ति की देवी के दया से हमलेगों का बड़ा ही कल्याण होता है। माता की ममता ही है जो धरा पर प्रकट होकर हम जीवों का रक्षा करती है।

हमें एवम् हमारे विचारों को पावन कर सादगी की और ले चलती है। इनके नौ रूपों से बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश ही मिलता है। और लोगों में एक अद्भुत उत्साह का संचार भी होता है। मानवता का प्रतिक हमारी यह दुर्गा_पूजा है। जिससे हम में और हमारे जीवन में बहुत ही लाभदायक परिवर्तन होता है।
हमारे सोचने की नजरिया भी बिल्कुल स्वच्छ हो जाती है।हम नकारात्मकता से सकारात्मकता की और अभिमुख होते हैं।

इन नौ रातों में एक नया ऊर्जा से हम सब अभिभूत होते हैं।सारे दुख_दर्द जादू के जैसे गायब हो जाता है। और आपस में भाईचारा भी बहुत बढ़ जाता है।
एक सुगंधित वातावरण तैयार हो जाता है। जिसमें सारे जीव अंदर _बाहर से शुद्ध हो जाता है।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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