Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 16402 0 Hindi :: हिंदी
//...हरामखोर...// इस राजनीतिक , सत्ता के गलियारे में कुंडली मारकर बैठे कुछ , भ्रष्टाचार के भक्ष...! पक्ष हो या विपक्ष यहां एक-दूसरे पर , छींटाकशी करने में , हैं यहां सभी दक्ष...! प्रजातंत्र के , इस महफिल में , जो पकड़ा गया ,, वो है चोर...! मेरे गांव से इस , बदलते शहर में , यही हो रहा है , गली-गली में शोर...! गरीबों के हक को , जो नेता मारे , वो नेता ही क्या .......? वो तो है हरामखोर ...! चिन्ता नेताम " मन " डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)