Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

महाराणा प्रताप

Baba ji dikoli 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक समाजसुधार/मन की बात/अदभुत/देश हित/स्वरचित/कविता/ 8366 0 Hindi :: हिंदी

राजस्थान की पावन भूमि  ने एक वीर जना ,महाराणा प्रताप नाम पड़ा ।
जीवन में था संघर्ष बड़ा पर वो वीर कभी न डरा।
धन्य हुई जयवंता की कोख ,उदय सिंह का मान बड़ा ।
फिर बाल्यकाल का समय ढला मुगलो के वुरुद्ध था शेर खड़ा ।
जन्मभूमि पर संकट पड़ा तो रना का रक्त भी खौल पड़ा।
वीर था बलवान था योद्धा वो महान था ,शत्रुयों से बह तनिक भी न डरा।
फिर रना ने हुँकार भरी मुगलो की सेना भाग खड़ी।
अकबर भी अकुलाया था राणा का शौर देख घबराया था 
गैरो को अपना बनाया था भील सरदार को भी अपनाया था 
भूल नही शकते बो हल्दी घाटी ,वो चितोड़ की पावन माटी 
जहाँ राणा का रक्त वहा ,
वीर था वालबान था राजा वो महान था ,जीवन से बढ़ कर स्वाभिमान था 
बो भी संधि कर सकता था रह कर अधीन राज कर सकता था 
पर उसने गुरुकुल में शायद यह शिक्षा न पाई थी इसलिए राणा ने घास की रोटियां खाई थी 
उसने भी अखंड भारत की काशमे खाई थी।
फिर वो वीर चला मृत्यु के आलिंगन हेतु ,मिटाने माटी के ऋण हेतु
यह धरा भी धन्य हुई शत्रुओ की आँखे भी नम  हुई 
अकबर का सर भी था झुक गया ,तानसेन का वीणा भी था उठ गया 
अकबर भी बोल उठा था न ऐसा वीर देखा ,इस महापुरुष ने फिर इतिहास राचा
देखो वीर चला -देखो वीर चला
@baba ji dikoli

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: