संदीप कुमार सिंह 20 Jun 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है, जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। और अपने जीवन में आने वाले बाधाओं से टकरा सकते हैं। और उस दुष्ट बाधा को मात देकर सफलता का इतिहास लिख सकते हैं। 5945 0 Hindi :: हिंदी
इक दिन ऐसा आयगा,आशा होगी पूर्ण। खुशियों में हम रह सदा,जीवन हो सब तूर्ण।। इक दिन ऐसा आयगा, सब में होगा हर्ष। दुख का होगा नाश तब, जीवन में उत्कर्ष।। इक दिन ऐसा आयगा,नारी बने प्रधान। सबका दिन हो तब भला, सदा बढ़ेगा आन।। इक दिन ऐसा आयगा, घर घर में हो धर्म। रोग बला सब खत्म हो,पावन होगा कर्म।। एक दिन ऐसा आयगा,होगा मत दुष्कर्म। मानवता का प्रेम हो, होगा नाश अधर्म।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....