संदीप कुमार सिंह 13 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4648 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) जीवन में हैं कष्ट नित, राह नहीं आसान। सुख दुख को है झेलना, तब मिलते हैं मान।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....