Ranjana sharma 27 Jan 2024 कविताएँ दुःखद अक्सर तन्हाई में रोते हैं हम#Google# 2962 0 Hindi :: हिंदी
अक्सर तन्हाई में तुझे याद करके रोते हैं हम कैसे बताए तुझको सनम आहें कितना भरते हैं हम निगाहें पागल मेरी तुझे ही ढूंढ़ती है तू नहीं आएगा जानते हैं हम फिर भी तलाशती है तुझे ही नैन मेरे सनम बेचैन दिल को करार आ जाए मेरे एकबार जो तू नजर के सामने आ जाए मेरे चाहत इतनी है बस रब से मेरी दूर रहकर भी तेरी धड़कन मुझे ही पुकारे दिल रोता है जब तुझको सीने से लगा ना पाते हैं हम चाह कर भी चेहरे पे मुस्कान नहीं ला पाते हैं हम तेरी जुदाई मुझे रह रहकर बड़ा तड़पती है ऐ बैरन हवा भी मेरी अब खिल्ली उड़ाती है आके देख जरा तू कैसी हालत हुई है बिन तेरे सनम जी तो रहे हैं पर जिंदगी नहीं है सनम धन्यवाद