DINESH KUMAR SARSHIHA 30 Mar 2023 आलेख समाजिक #life,#365_page_ki_kitab 6524 0 Hindi :: हिंदी
*365 पेज की किताब* हमारी जिंदगी एक पाठशाला है, और हमारी जिंदगी का हर वर्ष 365 पेज की एक कोरी किताब, जिसे कैसे भरना है, ये हमें तय करना है, किसी किताब का लेखक कितना बेहतर है, ये उसके पाठक तय करते हैं, इस किताब के पाठक वो हैं, जिनसे हम सब अक्सर मिलते-जुलते हैं, जिनकी खुशियों से हम खुश होते हैं, जिनके गम में हम रोते हैं, नववर्ष की खुशियाँ मनाने केवल मस्ती, मजाक करना, घूमना फिरना, देर रात पार्टी करना, दोस्तों के साथ नशे करना, ये सहीं तरीका नहीं, बल्कि औरों की खुशियों की वजह बनना, किसी को नयी जिंदगी देने की वजह बनकर अपने मानव जीवन को सही आयाम देकर नववर्ष रूपी किताब के पहले पन्ने को लिखें, तो यकीन मानिए, इससे बेहतर नववर्ष मनाने का और कोई तरीका नहीं हो सकता, इसके लिए रक्तदान, वृक्षारोपण, परोपकार तथा स्वधर्म, स्वदेश की सुरक्षा में स्वयं को लगा देना, वृद्धों, बिमार और गरीब जरूरतमंदों की जरूरतें पूरी करना , अपने से जुड़े भाइयों/ बहनों एवं परिवार को आगे बढ़ाने में सहयोग करने का नवसंकल्प लेकर सत्कर्म में जुट जाएँ, तो हम एक बेहतरीन किताब लिख सकते हैं, और यकीन मानिए, इस किताब का कोई भी पाठक ऐसा नहीं होगा, जिसे ये किताब पसंद न आए।
I am fond of writing Poetry and Articles.I enjoy writing about culture,social and divine subjects.S...