Chanchal chauhan 30 Jan 2024 कविताएँ देश-प्रेम गरीबों के बंधन को तोड़ भारत को बने विश्व गुरु समृद्धि का सागर ऐसी जीवन दिशा बनाएं हम 3669 0 Hindi :: हिंदी
समाज को दिखा दे नई दिशा ऐसी जीवन की दिशा नयी बनाएं, समाज को सच्चाई सिखलाएं। बदले अंधविश्वास की रोशनी, मन में आत्मविश्वास भर लाएं। बढ़े नैतिकता की आगे कदम, भ्रष्टाचार को दूर भगाएं। सत्य, ईमानदारी की रक्षा करें, पाखंड को रोक लगाएं। धर्म, जाति, लिंग को छोड़ दे, एकता में मिल जाएं हम। विविधता को समझे और दे सम्मान, सबको आदर दिखाएं हम। महिलाओं को सम्मान दिलाएं, उनकी शक्ति को याद दिलाये व्यक्तित्व में उनको मजबूती दे, समाज को सुखी बनाएं हम। शिक्षा को मुक्त, सबके लिए सुलभ, ज्ञान को बांटें हम सब। गरीबी को जड़ से मिटा दें, सबको खुशहाल बनाएं हम। समाज को दिखा दे नई दिशा, प्यार और सद्भाव से सजाएं। मिटा दें भेदभाव की दीवारें, मिल-जुल कर खुशहाल बनाएं। आओ, हाथ मिलाएं, संगठित हों, एक-दूसरे का समर्थन करें। सबको सम्मान दें, प्यार बरसाएं, समृद्धि की ओर हम सब चलें। समाज को दिखा दे नई दिशा, सत्य, न्याय, शांति की प्राथमिकता। हर इंसान का गर्व हो भारत हो ऐसा एक समृद्ध भारत हो सबका साथ, सबका विकास, यही संकल्प हमारा। नफरत को हराकर बढ़ाएं भाईचारा छोड़ दें अलगाववाद का भयानक स्वप्न सारा। अधिकारों के दायरे में लाएं सबको समान रख। निष्ठा से बढ़ें एकता के मंदिर की ऊंचाई, भ्रष्टाचार को हराकर बनाएं समृद्धि की राही। शिक्षा के ज्वालाओं को फैलाएं आसमान तक, गरीबी के बंधन को तोड़ बनाएं सबको समृद्धि का सागर। भारत को बनाएं विश्वगुरु, हर दिल में बसाएं शांति की सरोवर, ऐसी जीवन की दिशा बनाये हम।