मोती लाल साहु 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मनुष्य के अंदर सुख और शांति की प्यास है, जिसे वह इस माया नगरी में खोज रहा है। जबकि वह आनंद-सुख-शांति उसका ईश्वर उसके अंदर हृदय में है। 85855 0 Hindi :: हिंदी
ढूंढता प्यासा निगाह, अनजान वह सूरत। सुरति जगी दिल अंदर, दरगाह में हुजूर।। मोती-