Preeti singh 17 May 2023 कविताएँ अन्य अभिमानी का मान कभी नहीं मिल पाएगा 7164 0 Hindi :: हिंदी
अभिमानी का मान कभी नहीं मिल पाएगा जो भी था तू उसकी खबर नहीं जो है वह भी शून्य बन जाएगा।
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