Chanchal chauhan 06 Jul 2023 कविताएँ समाजिक एक नारी की शक्ति 4459 0 Hindi :: हिंदी
छोटी सी परी बन गई बड़ी, संभाला घर बेटी बनकर, पहुंची जब ससुराल, जिम्मेदारी आई हजार, बहू बनकर संभाला परिवार, सिमट जाती है सबका काम करने में, ना मिल पाता है आराम, दूसरों को खुश रखती हैं, चाहे खुद रहें उदास, बहुत साहस हैं नारी में, नारी शक्ति हैं महान।
Mera sapna tha apne bicharo ko logo tak phunchana unko jiwn ki sikh ,prerna dena unmai insaniyat jag...