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प्रेरणा से भरी प्रसंग

मोती लाल साहु 12 May 2023 कहानियाँ धार्मिक नारद जी भगवान् से कहते हैं, ब्रह्मा जी के पुत्र सनत कुमार से- भगवान् मैं इन विद्याओं में संपन्न और मंत्रवत् हूं- ग्रंथों के पाठ का ज्ञाता- मगर आत्मा का ज्ञान नहीं है- मैंने सुना है- आत्मज्ञान से ही इस संसार- सागर को पार हुआ जाता है- अतः मुझे भी आत्मज्ञान देकर- संसार सागर से पार उतार दो- जीवन मुक्ति का भेद बता दो। 6081 0 Hindi :: हिंदी

नारद जी भगवान् से कहते हैं !
भगवान् मैं-
1. ऋग्वेद !
2. यजुर्वेद !
3. सामवेद !
4. अथर्ववेद !
5. इतिहास पुराण !
6. वेदों का व्याकरण !
7. पित्र कर्म को !
8. गणित शास्त्र !
9. पांच तत्वों की विद्या !
10. विधि ज्ञान को !
11. भाग्य विज्ञान !
12. तर्कशास्त्र !
13. नीति शास्त्र !
14. देवों के ज्ञान !
15. भक्ति शास्त्र !
16. धनुर्वेद !
17. ज्योतिष शास्त्र !
18. सर्पों के ज्ञान !
19. गंधर्व संगीत !
20. नृत्य विद्या !

भगवन् मैं-
इन विद्याओं में, 
संपन्न और मंत्र व्रत हूं 
ग्रंथों के पाठ का ज्ञाता 
मगर आत्मा का ज्ञान नहीं है 
-मोती

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