Ashok Kumar Yadav 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 68230 0 Hindi :: हिंदी
कविता- अब करो तैयारी जीत की सोते हुए जन अब जाग जा, तुम छोड़ दो राहें प्रीत की। आ गया है परीक्षा की घड़ी, अब करो तैयारी जीत की।। याद कर पिछला जीवन को, गरीबी में जागे हो कई रात। भूख से हो जाते थे बेहाल, सामने आ रही बीती बात।। पिता के हाथों की छाले देख, देख मां की चेहरे के झाईयां। बिलखते थे घर में भाई-बहन, याद करता था प्रभु साईंयां।। तू जाग भोर के सूर्य से पहले, पुस्तक तुम्हें दे रहा आवाज़। आज ही से शुरू शिक्षा ग्रहण, जीत की कर दो नव आगाज़।। योग, ध्यान और तन्मयता से, सुकर्म करो कर्मवीर अध्येता। संचित होगा ज्ञान का सागर, तेरा भाग्य बनाएगा विजेता।। कवि- अशोक कुमार यादव मुंगेली, छत्तीसगढ़, (भारत)।