ROHIT YADAV 30 Mar 2023 शायरी अन्य google yahoo 21477 0 Hindi :: हिंदी
तेरा मन , बेशुमार दे देना जिस तरह चाहे प्यार दे देना मैं ग़ज़ल को बनाऊँगा दुल्हन बस मुझे ग़म उधार दे देना। कामना को निराश करता हूँ मन अकारण हताश करता हूँ शब्द दुनिया का मैं हूँ मालिक पर नौकरी की तलाश करता हूँ।। आज कल में तो कुछ नहीं यारा ऐसे हल में तो कुछ नहीं यारा दिल पे मरती हो, दिल तो है लेकिन मेरे दिल में तो कुछ नहीं यारा। _____ ROHIT YADAV