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अभ्यास का महत्त्व

Karan Singh 30 Mar 2023 कहानियाँ राजनितिक Ram/जय श्री राम/धार्मिक महत्व/सपनों का सौदागर.... करण सिंह/ Karan Singh/छत्रपति शिवाजी महाराज की महानता/घमण्ड/भक्ति/सामाजिक/अभ्यास का महत्त्व/ 53635 0 Hindi :: हिंदी

सपनों का सौदागर....करण सिंह✍🏻
🌷🌷* *अभ्यास का महत्त्व*

प्राचीन समय में विद्यार्थी गुरुकुल में रहकर ही पढ़ा करते थे।. बच्चे को शिक्षा ग्रहण करने के लिए गुरुकुल में भेजा जाता था। 

बच्चे गुरुकुल में गुरु के सानिध्य में आश्रम की देखभाल किया करते थे. और अध्ययन भी किया करते थे।
वरदराज को भी सभी की तरह गुरुकुल भेज दिया गया। 

वहां आश्रम में अपने साथियों के साथ घुलने मिलने लगा।
लेकिन वह पढ़ने में बहुत ही कमजोर था। 

गुरुजी की कोई भी बात उसके बहुत कम समझ में आती थी। इस कारण सभी के बीच वह उपहास का कारण बनता है।

उसके सारे साथी अगली कक्षा में चले गए लेकिन वो आगे नहीं बढ़ पाया।
गुरुजी जी ने भी आखिर हार मानकर उसे बोला, “बेटा वरदराज! मैने सारे प्रयास करके देख लिये है। 

अब यही उचित होगा कि तुम यहां अपना समय बर्बाद मत करो। 

अपने घर चले जाओ और घरवालों की काम में मदद करो।”

सपनों का सौदागर....करण सिंह✍🏻
🌷🌷* *अभ्यास का महत्त्व*


वरदराज ने भी सोचा कि शायद विद्या मेरी किस्मत में नहीं हैं। और भारी मन से गुरुकुल से घर के लिए निकल गया गया।

दोपहर का समय था। रास्ते में उसे प्यास लगने लगी। 

इधर उधर देखने पर उसने पाया कि थोड़ी दूर पर ही कुछ महिलाएं कुएं से पानी भर रही थी। वह कुवे के पास गया।

वहां पत्थरों पर रस्सी के आने जाने से निशान बने हुए थे,तो उसने महिलाओ से पूछा, “यह निशान आपने कैसे बनाएं।”
तो एक महिला ने जवाब दिया, “बेटे यह निशान हमने नहीं बनाएं। यह तो पानी खींचते समय इस कोमल रस्सी के बार बार आने जाने से ठोस पत्थर पर भी ऐसे निशान बन गए हैं।”
वरदराज सोच में पड़ गया। 

उसने विचार किया कि जब एक कोमल से रस्सी के बार-बार आने जाने से एक ठोस पत्थर पर गहरे निशान बन सकते हैं तो निरंतर अभ्यास से में विद्या ग्रहण क्यों नहीं कर सकता।

सपनों का सौदागर....करण सिंह✍🏻
🌷🌷* *अभ्यास का महत्त्व*


वरदराज ढेर सारे उत्साह के साथ वापस गुरुकुल आया और अथक कड़ी मेहनत की। 

गुरुजी ने भी खुश होकर भरपूर सहयोग किया।
कुछ ही सालों बाद यही मंदबुद्धि बालक वरदराज आगे चलकर संस्कृत व्याकरण का महान विद्वान बना। जिसने लघुसिद्धान्‍तकौमुदी, मध्‍यसिद्धान्‍तकौमुदी, सारसिद्धान्‍तकौमुदी, गीर्वाणपदमंजरी की रचना की।

*शिक्षा(Moral):*
दोस्तो अभ्यास की शक्ति का तो कहना ही क्या हैं।. यह आपके हर सपने को पूरा करेगी। अभ्यास बहुत जरूरी है चाहे वो खेल मे हो या पढ़ाई में या किसी ओर चीज़ में। बिना अभ्यास के आप सफल नहीं हो सकते हो।
अगर आप बिना अभ्यास के केवल किस्मत के भरोसे बैठे रहोगे, तो आखिर मैं आपको पछतावे के सिवा और कुछ हाथ नहीं लगेगा। इसलिए अभ्यास के साथ धैर्य, परिश्रम और लगन रखकर आप अपनी मंजिल को पाने के लिए जुट जाए।
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*सदैव प्रसन्न रहिये क्योंकि जो प्राप्त है वही पर्याप्त है* 🕉️🚩🙏🙏

सपनों का सौदागर....करण सिंह✍🏻
🌷🌷* *अभ्यास का महत्त्व*

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