Ranjana sharma 30 Mar 2023 कहानियाँ प्यार-महोब्बत Google 75102 0 Hindi :: हिंदी
एक गांव में छोटे से मकान में मां - बेटी साथ में रहते थें।मां का नाम पुष्पा और बेटी का नाम मधु थी।पुष्पा दूसरे के घर में काम कर अपना जीवन- यापन करती थी और बेटी मधु को मिट्टी की छोटी- छोटी खिलौना बनाने का बहुत शौक था।ठंड का मौसम था। मां रोज एक पतली - सी फटी चादर ओढ़कर काम करने बाहर चली जाती।मधु रोज अपनी मां को देखती कि मां इतनी ठंड में एक पतली- सी चादर ओढ़कर काम करने जाती है।मधु का मन यह देख बहुत दुखित रहती थी।एक दिन जब उसकी मां वही फटी चादर ओढ़कर काम करने जा रही थी तब मधु अपनी मां को एक नई गरम चादर देती और कहती मां अब से यही चादर तुम ओढ़कर जाना।उसकी मां यह देख चौंक जाती और उससे थोड़ी नाराजगी भरी शब्द में पूछती " तू यह चादर कहां से लाई? तेरे पास इतना पैसा कहां से आया?" वह उसे बहुत डांट रही थी कि तभी उसकी नज़र उसके नन्ही- सी हाथ पर पड़ जाती और दुबारा पूछती कि" तेरे हाथ में यह निशान कैसा? यह चोट कैसे लगी? " तब वह रोते- रोते बताती कि" मां मैं यह चादर अपनी मिट्टी की खिलौना बेचकर लाई हूं। मैंने कोई चोरी नहीं की क्योंकि तुम मुझे सिखाई हो कि कभी चोरी मत करना , ईमानदारी से दो पैसे कमाना।मैंने भी अपनी मेहनत से पैसे कमा कर यह चादर तुम्हारे लिए लाई हूं क्योंकि मैं तुम्हें इतनी ठंड में ऐसी फटी चादर ओढ़कर जाते नहीं देख सकती ।" यह बात सुन पुष्पा का दिल भर आती और उसे अपने सीने से लगा कर बोलती " मुझे माफ़ करना बेटी , मैं तेरी मासूमियत नहीं पहचान पाई पर तुम अभी बहुत छोटी हो पर तुम्हारी सोच देखकर मेरा दिल भर आया और उसकी बेटी की यही बात उसकी मां के दिल को छू गई।" धन्यवाद