Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

सब्जीवाली

Ranjana sharma 30 Mar 2023 कहानियाँ समाजिक Google 77458 0 Hindi :: हिंदी

गर्मी के मौसम की चिलचिलाती धूप में एक सब्जी बेचने वाली औरत गली- गली घूम अपने सर पे एक बड़ी - सी टोकरी रख आवाज देते हुए जा रही थी " सब्जी ले लो सब्जी, ताजी- ताजी सब्जी ले लो सब्जी।" उसकी आवाज सुन कुछ लोग बाहर आके सब्जी खरीद अंदर चले जाते और वह अपनी सब्जी की टोकरी फिर से सर पर रख चिल्लाते हुए चली जा रही थी उसका पूरा बदन पसीने से भीग कपड़े तन से चिपक गए थें, माथे से टप- टप की पसीना बह कभी आंख में चली जाती तो कभी गालों से सरक नीचे आ जाती पर वह तो सब्जी ले लो सब्जी की आवाज़ लगाते चली जा रही थी कि अचानक उसे प्यास लग जाती वहीं एक घर के पास एक औरत खड़ी उसे दिखाई देती वह उससे पानी मांगती पर वह औरत उस सब्जी वाली को देखते ही दरवाजा उसके मुंह पर बंद कर देती वह बेचारी आगे चली जाती।कुछ दिन बाद एक औरत और उसका बेटा दोनों स्कूल से घर जा रहे थें रास्ते में उस बच्चे को प्यास लग जाती वह बच्चा अपनी मां से पानी मांगता।मां मुझे प्यास लगी है पानी दो, उसकी मां अपने बैग में पानी का बोतल ढूंढती मगर उसे याद आती कि आज जल्दी- जल्दी में पानी रखना भूल गई, पर गर्मी की वजह से उसके बेटे को बहुत जोरो की प्यास लगी रहती इसलिए वह रोने लगता तभी पास से वही सब्जी वाली गुजर रही थी बच्चे को रोते देख पूछ लेती क्या हुआ बेटा? तुम इतना क्यों रो रहे हो? तब वह बच्चा बोलता मुझे प्यास लगी है और मेरी मम्मी पानी लाना भूल गई।वह सब्जी वाली बोलती बस इतनी- सी बात लो मेरे पास पानी है पी लो और वह बच्चा बिना कुछ सोचे जल्दी से पानी पी लेता यह देख उसकी मम्मी पूछती बेटा यह पानी तुम्हें कहां से मिली उसका बेटा बोलता मुझे इस आंटी ने पानी दिया।तब उसकी मम्मी की नजर उस सब्जी वाली पर पड़ जाती दोनों एक- दूसरे को देखते ही पहचान लेते।तब उस बच्चे की मम्मी बोलती " माफ़ करना बहन उस दिन मैंने तुम्हारी मदद नहीं की पर आज तुमने मेरे प्यासे बेटे को पानी पिलाकर जो उपकार किया है मैं सदैव तुम्हारी आभारी रहूंगी।" तब वह सब्जी वाली बोलती कोई बात नहीं बहन मैं तो एक गरीब सब्जी बेचने वाली हूं मेरा क्या है।पर हां, तुमसे मेरी विनती है कि" जो तुमने मेरे साथ किया और कभी किसी के साथ ऐसा नहीं करना पता नहीं इस दुनियां में कब, कोन,किसके काम आ जाए" और वह सब्जी वाली आगे बढ़ते हुए यही बोलते चली जाती " सब्जी ले लो सब्जी,ताजी - ताजी सब्जी ले लो।" 
       धन्यवाद

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

लड़का: शुक्र है भगवान का इस दिन का तो मे कब से इंतजार कर रहा था। लड़की : तो अब मे जाऊ? लड़का : नही बिल्कुल नही। लड़की : क्या तुम मुझस read more >>
Join Us: