Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #Rambriksh kavita#Rambriksh Ambedkar Nagar#prem per kavita#Raunak kavita rambriksh 52717 0 Hindi :: हिंदी
कविता-रौनक (प्रेम पर कविता) फिर वही रौनक बचपन की, ताजा हो गयी देख कर अचानक बहुत दिनों बाद शादी के महफ़िल में, निकल कर आगे देखी पलट कर जुल्फों के पीछे से स्तब्ध रह गया मैं डूब गया ख्यालों में पर चेहरे पर रौनक थी, दिखने लगी थी फिर वही सिहरन लिहाज संकोच आत्म समर्पण प्रेममय भाव, वह बीता समय तो नही था पर चेहरे पर खिली रौनक थी, अजीब भाव है रौनक का पठनीय है पारदर्शी है उपस्थिति है खुशियों का समय का आज भी है पहले भी जो झलकती रौनक थी। रचनाकार- रामवृक्ष, अम्बेडकरनगर।
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...