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जिंदगी के खेल में तजुर्बा अच्छा ही रहा

Shiwani vishwakarma 20 Jul 2023 कविताएँ अन्य तजुर्बा,जिंदगी,फरेब 5655 0 Hindi :: हिंदी

जिंदगी के खेल में तजुर्बा अच्छा ही रहा।
कितनी  भी साथ हुई  फरेब,पर दिल सच्चा ही रहा।
हँसते दिलों में कुछ गम भी रहा।
चमकती आँखों में कुछ नम भी रहा।
जिन्दगी के खेल में तजुर्बा अच्छा ही रहा।
सुबह से शाम में दिल कुछ खफा भी रहा।
जिन्दगी क्या चाहती बहुत कुछ पता भी नहीं रहा।
जिन्दगी के खेल में तजुर्बा अच्छा ही रहा।।
                                    @sivi_vish

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