Amrita shrivastav 30 Mar 2023 कहानियाँ अन्य मोहब्बत की अधूरी कहानी जो अधूरी होके भी पूरी है! मुकम्मल इश्क़ की दासता जो अधूरी रह गई 18980 0 Hindi :: हिंदी
परी आज बहुत खुश थी और अंदर से थोड़ी घबराई हुई भी क्योंकि परी के कॉलेज का आज पहला दिन था! परी आज पहली बार कहीं घर से बाहर जा रही थी वो भी इतनी दूर और अकेली! परी घर वालो की लाडली थी इसलिए उसे कोई कहीं भी अकेला नहीं भेजता था! परी अपने नाम की ही तरह थी चन्चल और पल भर में सबको अपना बना लेती थी! आँखो में बहुत सारे सपनो को सजाये वह अपने कॉलेज में कदम रखती है! मानो उसका आज एक नया जन्म हुआ हो! परी के कॉलेज में बहुत सारे दोस्त बने पर सूरज उसका सबसे अच्छा और प्यारा दोस्त बना वह परि का बहुत ख्याल रखता था परी को प्यार भी करता लड़ता झगड़ता दोनों साथ में हमेसा रहते थे और पढ़ा करते थे! परी बहुत खुश थी अपनी छोटी सी दुनिया में यहाँ परि के घर वाले ये सोच कर परेसान रहा करते थे की कॉलेज की चाकाचौँध में खो ना जाए क्योंकि परी को दुनिया दारी की इतनी समझ नही थी! तभी अचानक से उसके जीवन में एक सुनहरा सा खुबसूरत सा मोड़ आता हैं परी की मुलाकात अचानक से राज से होती हैं वह उसके कॉलेज में ही पढ़ता था! राज और परी की मुलाकात हुई थी परी के सहेलियो की वजह से ही! जब राज और परी की पहली मुलाकात हुई थी तो दोनों एक दूसरे को देखते ही रह गए थे। राज बिल्कुल अपने नाम की तरह था उसने परी के दिल पे पहली मुलाकात में ही राज कर गया था! परी का चेहरा शर्म से लाल हो गया था जब राज ने परी को देखा तो उसने अपनी पलके झुका लिया शर्म से! वो एक पहली छोटी सी मुलाकात ने परी को बेचैन कर दिया था वह घर आकर भी राज के बारे में सोच रही थी! पहली बार किसी अजनबी ने इतना बेचैन कर दिया था परी को परी की अपनी एक छोटी सी दुनिया थी उसके किताबों की दुनिया पर उस दुनिया में अब कोई और घर बना लिया था! परी और राज के मुलाकातो का सिलसिला शुरू हो गया हमेसा वो दोनों एक दूसरे से कही ना कहीं टकरा ही जाते थे! धीरे धीरे दोनों के बीच दोस्ती का सिलसिला शुरू हो जाता है जाने अंजाने दोनों एक दूसरे से टकरा ही जाते थे! राज एक दम शांत चुपचाप और अकेला रहने वाला लड़का था पर परी से मिलने के बाद वह उस से बार बार मिलना चाहता था उसके साथ वक़्त बिताना चाहता था इसका जवाब उसके पास नही था! दोनों में से किसी के पास हिम्मत नहीं था कि एक दूसरे का नम्बर ले सके बस यूही मिल जाया करते थे कहीं भी कभी भी! दोनों एक दूसरे की पसंद और ना पसंद का भी ख्याल रखा करते थे! इस बात का पता परी को तब लगता है जब परी की पसंद का शर्ट राज पहन कर आ गया था और उसे दिखाने के लिए वह परी को ढूँढ रहा था अब फोन नम्बर तो था नहीं की उसे दिखा देता फोटो भेज कर या बुला कर! अचानक परी के सामने राज आ गया उसे देखते ही परी को ना जाने कौन सा अहसास हुआ की आज राज बस उसके लिए ही आया हो दोनों के मन मे प्यार ने घर बना लिया था पर दोनों में से किसी को भी इस बात का पता नही था की इस अंजाने अहसास का ही नाम प्यार है! समय बितता गया दोनों की दोस्ती परवानं चढ़ने लगी काफी दिनों से राज को परी काॅलेज में नही दिखी थी। एक दिन परी की सहेली राज को अकेले दिखी जो हमेसा परी के साथ घुमा करती थी राज को देखा करती थी! राज ने सवाल किया आज अकेले परी कहा है तब अनिता जो परी की सहेली थी उसने बताया की परी का पैर टूट गया है जिस कारण वह कॉलेज नही आ सकती है ये बात सुन कर ना जाने राज को क्या हुआ कहा से हिम्मत आया उसने परी का नम्बर मांग लिया और उसी वक्त परी को फोन कर दिया! फोन पर राज की आवाज सुन कर परी चौक जाती है और उसकी खुशी का ठिकाना भी नही रहता हैं फिर क्या था दोनों में बातो का सिलसिला शुरू हो जाता है दोस्ती और गहरी हो जाती है और प्यार मे बदलने लग जाती है! परी को तब पता चला की वो राज को चाहने लगी है जब राज के कॉलेज से जाने का वक्त करीब आ रहा था उसका पढाई पूर होने वाला था! राज परी को कॉलेज से बस स्टैंड पर छोड़ने रोज जाता था तभी एक दिन परी ने अपने मन की बात को घुमा कर राज को बता दिया कि वह चाहने लगी है उसको पर राज को ये मंजूर नहीं था उसने उसके प्यार को ठुकरा दिया फिर क्या था दोनों के बीच में दुरिया आ गई थी दोनों का मिलना ,बात चित सब कम हो गया था! परी उदास रहने लगी थी उसको ये गम हमेसा सताता रहता था कि उसकी पहली मोहब्बत अधूरी रह गई! एक दिन परी अपने दोस्तों के साथ बाहर गई थी तभी एक बस से परी का दुर्घटना होते होते बचा ये बात जब राज को पता चला तब वह परी पर बहुत नाराज़ हुआ इस नाराज़गी का क्या कारण था दोनों में से किसी को नही पता था! गुस्से में ही राज के मुंह से छिपी मोहब्बत बयां हो जाती हैं जिसको सुन कर परी चौक जाती है! राज ने परी की मोहब्बत को इसलिए ठुकराया था क्योंकि राज को लगता था की वह परी के लायक नहीं है! आखिर प्यार कब छिप सकता था! राज परी को बहुत प्यार करता था वह उसका ख्याल एक छोटे बच्चे की तरह रखता था दोनो मे बेहद मोहब्बत था! दोनों बेहद करीब आ गए थे एक दूसरे के! एक दिन परी ने शादी की बात की तो राज ने साफ इंकार कर दिया राज क्या सोचता था , परी को शादी के लिए क्यु इंकार करता था परी कभी नही समझ पाई! शादी की बात लेके हमेसा दोनों के बिच में लडाई झगड़े होते थे पर शादी के लिए राज क्यु मना करता था ये बात परी कभी नही समझ सकी हज़ारो बार लडाई झगड़े हुए पर उनकी चाहत में कमी ना आने पाई क्योंकि शादी होना या ना होना तो किस्मत की बात थी पर उस बात से वह दोनों एक दूसरे को खोना नही चाहते थे! दोनों दूर होकर भी दिल के पास है प्यार का अहसास आज भी जवा है दोनों के दिलो में जब भी किसी को जरूरत पड़े हाजिर हो जाते है अपने प्यार के लिए यही तो है सच्ची मोहब्बत की अनकही दस्ता प्यार का अर्थ उसको हमेसा पाना ही नही होता है उसके लिए कुर्बान भी होता है जो परी ने किया राज के लिए अपनी मोहब्बत के लिए आज भी मोहब्बत के नाम से दिल धड़कता है उनका दोनों के लिये इस बात का अहसास आज भी नही शायद!!!!!!