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मन के जीते जीत है

Mohan pathak 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य समसामयिक 30149 0 Hindi :: हिंदी

      मन के जीते जीत।              
लाख कोशिश असफल मगर        
ध्यान रखना है।                      
जीत निश्चय ही होगी तेरी 
इसमें संदेह नहीं करना है ।               
 खुद पर न हो विश्वास तो 
दर्पण भी झूठ बोलता है।                   
   खतरों से लड़ना सीखा है
 हमने उसूल ये अपना है।                
 आंधियों से डरकर भाग जाना 
मानव स्वभाव नहीं।              
हौसला ए जज्बा हो गर 
दिल में कुछ असम्भव नहीं।                       
  सिर पर दुवाएं मां की जिसके 
हों उसे भला खतरा कैसा।            
 काल को भी जीता हमने है
 जब इतिहास कहता है ऐसा।          
 यमराज को लौटाने पड़ते प्राण 
जब लेते हैं हम ठान। ।                
 हिम्मत ए मर्दे खुदा करती 
हर मुश्किल है आसान।              
  चिन्ता छोड़ अगले मोड़ की  कठिनाई की।                       
 सामना किया जब भी 
विधाता ने परीक्षा ली।                              
तूफानों ने हमें सिखा दिया 
दिये की तरह जलना।                           
संकट के समय भंवर से 
किश्ती का निकालना।                             
कोई टिक न सका समक्ष 
इसके क्या पाक क्या चीन।                       
 धूल चटायी सबको हमने 
जो हुआ हम पर आसीन।                  
  हैजा, डेंगू , मलेरिया, और फ्लू 
हम पड़े सब पर भारी।                     
 घर में ही रहकर हराने की 
अब है कोरोना  की बारी।             
सोशलडिसस्टेंसिंग,फेसमास्क 
आइसोलेशन, क्वारंटीन।           
साथ में रखो ये चार हथियार 
हो के लॉकडाउन पर आसीन।          

         

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