Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य मोदी मोदी हर हर मोदी 57945 0 Hindi :: हिंदी
मोदी मोदी हर हर मोदी मोदी मोदी घर घर मोदी मोदी चाहें सब हो जाये बिगड़ी बात झट से बन जाये कभी न करता माफ़ दुशमन को मोदी मोदी हर हर मोदी न सत्ता के लालच उसको न राजाओं सा ठाठ नरम सुभाव भोला भला करता सब को आदर सामान पर बिगड़े तो यैसे बिगड़े जैसे बिगड़ता महाकाल मोदी मोदी हर हर मोदी फिर न देखता अजु बाजु न चाइना न पाकिस्तान फिर तो घर में घुश के करता हैं दुश्मनो का संघार न डरता न डरने देता यैसा हैं मेरे भारत के लाल जिओ और जीने दो ये हैं इसका बिचार मोदी मोदी हर हर मोदी शिव के भक्त माँ गंगा के सेवक हैं हिदुस्तान के शान और बाण हैं धरती के पुत्र शांति के दूत हिन्द के बो शान है अभिमान हैं मोदी मोदी हर हर मोदी