Amit Kumar prasad 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक Motivational Poem Or Inspirational Sonet 15404 0 Hindi :: हिंदी
श्रद्धा कि अंजली है स़मा संघर्ष कि संघर्ष कि है दास्तां, मुश्किलें कंकड़ बनी और जड़ बना है ये जहां! कह रही राही से राहें डर नही तुफ़ान से, है ये तेरी मंज़ील कि रौऩक आज़मा तु आज़मा!! हस्तियां हैं रेत कि है रेत का सारा ज़हां, होगा कर्म तेरा अमर अपने भ्रम को तु मिटा! अम्बर से लेकर इस ज़मी तक, है कर्म का सूर धरा!! नदियों की छन - छन, हवा कि सनन्न, है राग बादल के गड़ गड़ाने मे! है दिप्त आशा सफलता ले चाहत, राहत कर्म कर जाने मे!! है व्यस्त और अधिनस्त चाहत, राहों मे लेकर मै खड़ा! मंज़ील पड़ी पैरों के निचे, झुकने मे दिक्कत बड़ा!! गर कर्म है राहत का झुक्कर, फर्क क्या झुक जाने मे! आनंद ही आनंद है, आनंद को फैलाने मे!! कर चले करते चले तु चल चला चल राह पे, अम्बर कि छाया वशुधा कि लज्ज़त! आरज़ू कि रांह पे, संघर्ष का ये अर्श है, जो र्मम का उत्कर्ष हुआ!! है दिप्त आशा प्रदिप्त धरा पर, चाहतों का गड़ हूआ! मिलती है रौऩक शीद्दतों से, कर्म अचल कर जाने से!! है गुंज रहती चर्म पे मेहनत लगन दिखलाने से, दिप्त दिप्त मंज़ील कि हस्रत तृप्त हो संतृप्त हो! संघर्ष से फिर राहतों तक अचल और उत्कृष्ट हो!! गर मेहनतों का धाम जीवन, कर्म अर्पण तम हुआ! श्रद्धा है अर्पण संघर्ष बल को, जो अचल और अविचल हूआ!! है मन्द सारी कोशिशें और मन्द राहें चाह कि, सपने है पलते आरज़ू के दास्ताने आंह कि! आंहों से आहट पा के जीवन, अज़र और संदिप्त हूआ!! कर- कर के हिम्मत कोशिशें, धरा पर उत्कृष्ट हूआ! गर राहतों का चाह धिरज, हर्ज़ क्या आज़माने से!! रख - रख के लज्जत संघर्ष यहां, श्रद्धा बनी नज़राने मे! नज़रों मे फिरती सारे नज़ारे, देती नज़र नज़रानों को!! नज़रें फिराना नज़रें उठाना, दैव के अरमानो को, करते चले बस कर्म अपना! कर्म रश्मी रथ हूआ, चाहत को अर्पण संघर्ष अपना, श्रद्धा कि अंज़ल संघर्ष हूआ!! अचलों मे चंचल अधरों मे मंथन, मन रहे भ्रमाने मे, हृदय कि चाहत, कर्म दर्पण है बसी अरमानो मे!! कह रही है दास्त़ाने तख्त़ ताज़े ये ज़हां, है फिज़ा संतृप्त औंज़ें तृप्त करती ये स़मां! है स़मां संघर्ष कि संघर्ष कि है दास्ता़ं, मुश्किलें कंकड़ बनी और जड़ बना है ये जहां!! है आहटें आती फ़िज़ा से, है खील रहा हिन्दुस्तां! कह रही राही से राहें तु डर नहीं तुफान से, है ये तेरी मंज़ील कि रौऩक आज़मा फिर आज़मा!! संगीतकार :- अमित कुमार प्रशाद
My Self Amit Kumar Prasad S/O - Kishor Prasad D/O/B - 10-01-1996 Education - Madhyamik, H. S, B. ...