SACHIN KUMAR SONKER 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य google सावन 62202 0 Hindi :: हिंदी
शीर्षक (सावन) मेरे अल्फ़ाज़ (सचिन कुमार सोनकर सावन आया सावन आया, चेहरे पर सबके खुशियाँ लाया। आसमान से बूंदे ऐसे आयी, मानो घरती पर मोती बिखरायी। पेड़ो ने बाहें फैलाई, मानो लौट कर खुशियाँ वापस आयी। बूंदे पेड़ से लिपटी है ऐसे, मानो माँ के आँचल से चिपकी हो जैसे। चारों तरफ़ हरियाली छायी, बागों में भी बहार आयी। किसान के चेहरे पर भी खुशियाँ आयी। बच्चो ने भी खूब कागज की कस्ती चलाई। बागों में झूले पड़ने लगे, बच्चों के भी मन लगने लगे। दिल में सुख की अनुभूति हुई, सौंदर्यमय प्रकृति हुई। हरा भरा संसार हुआ, जीवन में ऊर्जा का संचार हुआ। जिधर भी देखो हरियाली है आयी। प्रकिति ने अद्भुत छठा फैलायी। मनोरम दृश्य दिखने लगे, मानो धरती पर स्वर्ग मिलने लगे।