कविता केशव 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक शिक्षा जीवन का वरदान है इसे हर किसी को प्राप्त करना चाहिएं। 71603 0 Hindi :: हिंदी
जिस प्रकार शरीर को स्वस्थ रखता है, व्यायाम, उसी प्रकार मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है, अध्ययन। हमें पढना लिखना चाहिए, यह सब मानते हैं, पर क्या पढ़ना चाहिए, यह कौन जानते हैं। मन को कभी कभी मनोरंजन चाहिए, सबसे कम खर्चिला मनोरंजन,किताबे पढ़नी चाहिए। ऐसी किताबें पढ़ने की, हर दिन हमारी आदत बने, जो आत्मिक, शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक उन्नति में सहायक बने।। शिक्षा ऐसी पाए , जो हर जिम्मेदारी निभाएं, मानव सम्बंधित हर काम को, पुर्णत: से निभाएं। जिसे किताबें पढ़ने का शौक रहेगा, उसे आगे बढने से नहीं कोई रोक सकेगा। समय के विशाल समुद्र में,प्रकाश स्तम्भ है पुस्तकें, सूरज की किरणों से निकलती रोशनी है पुस्तकें। । पढें निक्कमी पुस्तकें तो आए, निकम्मे विचार, कर्म करें ना बने आलसी बने बैठे बिठाए लाचार। जो सिखे पर काम ना लाएं, लदा किताबी टट्टू है, यूहीं गंवा देता जीवन सारा, हाथ ना आए लट्टू है। शिक्षा का उद्देश्य यही है, मन को संयम में लाना, अपनी सारी शक्तियों को समेट कर, अपने लक्ष्य को है पाना! शिक्षा ही जीवन पथ का, हमारा सच्चा साथी है, शिक्षा बिना जीवन ऐसे, जैसे दीपक बिना तेल और बाती है। जो सोचने पर मजबूर कर दे, वही किताबें पढ़नी है, शिक्षा की अशिक्षा पर अब तो लडाई लड़नी हैं।