कविता केशव 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मैं और मेरा नीम का पेड़ 69655 0 Hindi :: हिंदी
जिस दिन मैं पैदा हुई, उसी दिन दुनिया शुरू हुई थी!! घर के आंगन में एक नीम का पेड़ था! वहीं से मेरे जीवन की शुरुआत हुई थी!! मां नीम पर डाले झूले में ही झूलाया करती थी ! ताकती रहती थी नीम के पेड़ को, अपनी पायल छनकायां करती थी !! मां पकड़ने के लिए दौड़े जो पिछे मेरे, नीम के पीछे ही छुप जाया करती थी !! थोड़ी बड़ी हुई तो अपने मन की सारी बातें, नीम से ही बतियाया करती थी !! शादी हो गई छूट गया वो नीम का साथ सुहाना ! अब ना कहीं आंगन है ना वो नीम का पेड़ पुराना!! बीत गया है बचपन का वो मौसम सुहाना ! आंख भर आती है,जब याद आता है,वो गुजरा जमाना!!