Sudha Chaudhary 28 Aug 2023 कविताएँ अन्य 6806 0 Hindi :: हिंदी
जलाना तुम क्यों सीखे हो अभिलाषाएं सो जाएगी है प्राण प्रिय तुम आ जाओ जीवन इच्छा मर जाएगी। अपने तम में मूक हुए जिस पर अधिकार तुम्हारा था क्यों रची विधाता ने ऐसी जिसमें केवल अभिलाषा थी। प्रतिक्षण ढूंढा है तुम में प्रतिक्षण तुम मेरे मन में खोई है पूरी जगती आधा है सब जीवन में। सुधा चौधरी बस्ती