Rameez Raja 05 Feb 2024 कविताएँ समाजिक मित्र तुम अनमोल रत्न 9053 0 Hindi :: हिंदी
मित्र ! ईश्वर का हो तुम अनमोल रत्न, हो इस संसार का बहुमूल्य उपहार, प्रभु ने बनाया जितने भी उत्तम रचनाएं, हो तुम इनमें सब से श्रेष्ठ । जीवन के उतार चढ़ावों में तुम हमेशा हो मेरे साथ, आखिर क्यों कभी नहीं छोड़ते हो मेरा हाथ। हर एक पग में पाता हूं तुम्हें मैं , कभी न छोड़ते तम रूपी समस्या में, बताते सही राह यदि भटक जाता मैं,या गलत करने पर डांटने से भी न चूकते हो तुम। ओ मीत ! तुम ही बताओ क्या है सच्चाई तुम्हारी , बता दो कैसे ईश्वर ने दिया है यह अनोखा उपहार हमें , बस उस प्रभु के नतमस्तक हो जाऊं , कृपा कर मुझ पर उसने दिया है कैसा है यह अनोखा उपहार मुझे । मित्र तुम हो मेरे अनमोल रत्न। मित्र तुम ही मेरे अनमोल रत्न ।।