Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

कमाल कर रही थी

Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 शायरी हास्य-व्यंग कमाल कर रही थी 16715 0 Hindi :: हिंदी

वादियो ने छेड़ दिया 
है राग
हवा ने छेड़ दिया 
है साज
आसमां में लहराती 
तेरी जुल्फ
मेघ को सजाती लग रही 
थी आज

तेरी बलखाती जुल्फे कमाल कर रही थी
दिशाओ को जैसे कुछ दर्शा रही थी
वैसे तो इन्ही जुल्फो के साये में देखा है खुद को
पर ये क्या पानी की जगह आग बरसा रही थी 

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

मेरे नजर के सामने तुम्हारे जैसे बहुत है यहीं एक तू ही हो , मोहब्बत करने के लिए यह जरूरी तो नहीं read more >>
मीठी-मीठी यादों को दिल मैं बसा लेना जब आऐ हमारी याद रोना मत हँस कर हमें अपने सपनों मैं बुला लेना read more >>
Join Us: