Jitendra Sharma 13 Jul 2023 कविताएँ धार्मिक He Vedon ke Akkal Purus?, What is Ved, Ved kya hai?, शिव कोन हैं, विष्ब्रणु कोन हैं? ब्रह्मा कोन हैं? हे वेदों के अकाल पुरूष। जितेन्द्र शर्मा? ? 56910 3 5 Hindi :: हिंदी
कविता- हे वेदों के अकाल पुरुष!तुम कौन हो? पद- श्रीहरि भक्ति पद। रस- भक्ति रस छन्द- मुक्तक (मुक्त छन्द) कविता- (१) तुम कैलाशी! तुम अविनाशी! तुम नित्य तपोवृत धारी हो। तुम जगत नियंता, नीलकंठ, क्या तुम ही त्रिपुरारी हो? तुम ही पालक, संहारक तुम, सन्यासी हो! गंगाधर हो। हे शिव शंभु, हे शिवा प्रिय, क्या तुम ही शिव शंकर हो? हे भक्तवत्सल! हे महाकाल! अब बोलो ना क्यों मौन हो? हे वेदों के अकाल पुरुष! तुम कौन हो? तुम कौन हो? (२) हे दयानिधि! हे श्रीहरि! तुम गोवर्धन गिरिधारी हो। गीता ज्ञान देने वाले, क्या तुम ही कृष्ण मुरारी हो? हे ईश्वर! हे सर्वेश्वर! इस जगत के पालनहार तुम्ही। हे सहस्रनाम वाले विष्णु! क्या वेदों का सार तुम्ही? क्या रग रग रमते राम तुम्ही? अब बोलो ना क्यों मोन हो। हे वेदों के अकाल पुरुष! तुम कौन हो? तुम कौन हो? (३) हे हिरण्यगर्भ! हे आत्मभू! ब्रह्म का हो आधार तुम्हीं। हे पितामह! हे सुरज्येष्ठ, क्या जग के श्रजनहार तुम्ही? तुम पुण्डरीकाक्ष! तुम भुवन पति! वेदों के अधिष्ठाता हो। हे प्रजापति! हे परमेष्ठि! क्या तुम्ही ज्ञान और ज्ञाता हो? हे सुरश्रेष्ठ! हे चतुर्मुखी! अब बोलो ना क्यों मोन हो? हे वेदों के अकाल पुरुष? तुम कौन हो? तुम कौन हो? क्रमस:
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