संदीप कुमार सिंह 04 May 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5261 0 Hindi :: हिंदी
विद्या विनय विवेक को,सदा करें सम्मान। मिले आशीष खूब तब, बढ़े नित्य ही ज्ञान।। विद्या विनय विवेक से, जीवन में हों हर्ष। यह पूंजी अनमोल है ,इससे हो उत्कर्ष।। विद्या विनय विवेक ही,सबसे बड़ा विभूति। आए नहीं दरिद्रता, देते हम आहूति।। विद्या विनय विवेक जब,हों हम सब के साथ। शानदार तब जग लगे,चमके तब अरु माथ।। विद्या विनय विवेक में, बसते हैं सब मान। ऐसा व्यक्ति प्रकाश हैं,देते सबको ज्ञान।। संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....