DINESH KUMAR KEER 24 May 2023 कविताएँ समाजिक 4926 0 Hindi :: हिंदी
जिंदगी दर्द का दरिया... सुन ऐ जिंदगी मेरी आंखों में आसूं है मगर टूटी नही हूं रो रही हूं बेशक मगर कमजोर नहीं हूं जिंदगी दर्द का दरिया है मेरी कस्ती भंवर में फसी है होंसले बुलंद हैं मुझे अभी पार जाना है उनकी खुशी मांगी है ऊपर वाले से जिनके दिए मेरी आंखों में ये आंसू हैं लिख दी अपनी हर सांस अपनो के नाम उन्ही से मेरी जिंदगी है होंठ सिल लिए हैं अब अपने न शिकवे होंगे न शिकायतें बस हमने अपने जीने के तरीके बदल लिए हैं...