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* पिता *

akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक परिवार में पिता का सानिध्य जरूरी है 32969 0 Hindi :: हिंदी

* पिता *

सुखी उसी का जीवन है
जो प्यार पिता का पाते हैं ।
अपने अनुभव और धैर्य से परिवार का रथ ये चलाते हैं ।।

अपने जीवन में श्रम करके 
परिवार का पालन करते हैं ।
स्नेह प्यार बच्चों को देकर 
घर को वो स्वर्ग बनाते हैं ।।

अपना अधिकार बता कर वो
हमको गुणवान बनाते हैं ।
जीवन में आगे बढ़ने का
हमको वो सबक सिखाते हैं ।।

बचपन में गोदी में लेकर
हमको वे रोज़ घुमाते हैं
अपने पैरों पर चलना भी
पिता ही हमें सिखाते हैं ।

ग़लती करने पर सभी पिता
बच्चों को डांट लगाते हैं ।
अच्छी शिक्षा और संस्कार का
बच्चों को पाठ पढ़ाते हैं ।।

बच्चों की खुशी की खातिर
वो खुद बच्चे बन जाते हैं ।
घर में बच्चे दुखी हुए तो
वे मन ही मन पछताते हैं ।।

परिवार की खुशी के लिए
अपना सर्वस्व लुटाते हैं ।
परिवार का मुखिया बनकर वो
अपना कर्तव्य निभाते हैं ।।

श्रद्धेय पिता के चरणों में
हम अपना शीश झुकाते हैं ।
सानिध्य पिता का सदा रहे
हम यही बात दुहराते है ।।

रचियता --अखिलेश श्रीवास्तव एडवोकेट जबलपुर

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