मोती लाल साहु 20 May 2023 कविताएँ समाजिक मिट्टी के हैं गुण अपार, गर चाहते हो अच्छी सेहत- घर रहो मिट्टी के हैं गुण अपार- खाओ पकाओ बर्तन हो मिट्टी के- हैं गुण पांच- रूप-रस-गंध-स्पर्श-शब्द, वजह इनके होते नहीं खराब- मिट्टी में सृजन शक्ति अपार-सब कुछ इन्हीं से हैं आते अंततः सब कुछ इन्हीं में समा जाते। 7675 0 Hindi :: हिंदी
गर चाहते हो- अच्छी सेहत घर रहो, मिट्टी के हैं गुण हैं अपार खाओ- पकाओ बर्तन हो मिट्टी के हैं गुण पांच- रूप-रस-गंध-स्पर्श-शब्द, वजह इनके होते नहीं खराब सभी रहते साथ हैं- सेहतमंद मिट्टी में सृजन शक्ति अपार सब कुछ इन्हीं से हैं आते अंततः- सब कुछ इन्हीं में समा जाते मिट्टी के हैं गुण अपार -मोती