संदीप कुमार सिंह 26 Jun 2023 कविताएँ धार्मिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6612 13 5 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) हारे का हरि नाम है, मन को रखिए शांत। धीरज रखना छोड़ मत,हरि तो हैं अतलांत। होना नहीं निराश है, तृप्त करें हरि प्यास_ पूर्ण करे सब हरि सदा,जीवन हो तब कांत। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
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I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....